क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी: संकल्प, साहस और अमर बलिदान (10 दिसंबर, 1888- 2मई, 1908)
क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी: संकल्प, साहस और अमर बलिदान (10 दिसंबर, 1888- 2मई, 1908) परिचय क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक ऐसे तेजस्वी नक्षत्र की तरह चमकता है, जिसने अपनी अल्पायु में ही अदम्य साहस, अटूट संकल्प और मातृभूमि के प्रति अप्रतिम प्रेम का परिचय दिया। उनका जीवन, जो मात्र उन्नीस वर्षों तक ही सीमित रहा, त्याग और बलिदान की एक ऐसी अमर गाथा है जो पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। वे न केवल एक वीर क्रांतिकारी थे, बल्कि ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध उठ खड़ी हुई युवा शक्ति के प्रतीक और अन्याय के समक्ष कभी न झुकने वाले दृढ़ संकल्प के जीवंत उदाहरण थे। जीवन परिचय प्रफुल्ल चाकी का जन्म 10 दिसंबर, 1888 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। उनका परिवार साधारण पृष्ठभूमि का था, लेकिन उनके भीतर असाधारण गुण विद्यमान थे। बचपन से ही वे कुशाग्र बुद्धि के और सत्यनिष्ठ थे। उन्होंने आसपास के सामाजिक और राजनीतिक परिवेश में व्याप्त अन्याय और शोषण को गहराई से महसूस किया। ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारतीयों की दुर्दशा, उनका आर्थिक शोष...